महादेवी हथिनी विवाद महाराष्ट्र के कोल्हापुर में तब शुरू हुआ जब नंदणी जैन मठ की हथिनी महादेवी (माधुरी) को सुप्रीम कोर्ट और बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर गुजरात के वंतारा वाइल्डलाइफ सेंटर (अनंत अंबानी) भेजा गया। इसके खिलाफ साधु-संतों, जैन समाज और आम लोगों ने Silent Protest (मौन मार्च) निकाला। इस कोल्हापुर मौन मार्च में हजारों लोग शामिल हुए और “माधुरी लौटाओ” के नारे लगाए।राजू शेट्टी के नेतृत्व में 45 किलोमीटर लंबी पदयात्रा हुई, जिसमें लोगों ने वंतारा और PETA पर “बोगस रिपोर्टिंग” के आरोप लगाए। आंदोलनकारियों ने ग्रामपंचायत से Jio boycott का ठराव पास करवाया और कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। वहीं, वंतारा वाइल्डलाइफ सेंटर ने बताया कि महादेवी का इलाज गठिया, फुट रॉट और मानसिक तनाव के लिए चल रहा है।सोशल मीडिया पर #MahadeviHathiniVivad, #KolhapurSilentProtest और #MadhuriLautao जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। जैन समाज ने महादेवी को धार्मिक भावनाओं से जुड़ा बताते हुए उसे वापस लाने की मांग तेज कर दी। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजने और हस्ताक्षर अभियान शुरू करने की भी तैयारी की।महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप नहीं कर सकती, लेकिन सभी पक्षों की बैठक बुलाकर समाधान खोजेगी। अब यह मुद्दा जनभावना बनाम कानूनी आदेश का रूप ले चुका है और पूरे देश का ध्यान खींच रहा है।
कोल्हापुर नंदणी जैन मठ की महादेवी हथिनी (माधुरी) हाल ही में गुजरात के वंतारा वन्यजीव पुनर्वास केंद्र भेजी गई।
